कंप्यूटर स्टोरेज डिवाइस। Computer Storage Devices

कंप्यूटर में डाटा को स्टोर करने के लिए विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर स्टोरेज डिवाइस Computer Storage Devices का उपयोग किया जाता है। कंप्यूटर में सूचना को संग्रहीत करने के लिए बाइनरी भाषा का उपयोग किया जाता है। बाइनरी भाषा में, 0 और 1 अंकों का उपयोग किया जाता है। कंप्यूटर की जानकारी को मापने में महत्वपूर्ण इकाई किलोबाइट (KB) है।

कंप्यूटर में संग्रहीत जानकारी के लिए उपयोग की जाने वाली इकाईयां Computer memory units इस प्रकार है :

0 या 1 = 1 बिट (Bit)

8 Bit =1 बाइट (Byte)

1024 Byte = 1 किलोबाइट (KB)

1024 KB = 1 मेगाबाइट (MB)

1024 MB = 1 गिगाबाईट (GB)

1024 GB = 1 टेराबाइट (TB)

जब आप किसी कंप्यूटर पर कार्य कर रहे हों तब टाइप की गई जानकारी सेव्ह करके रखते है, ताकि आप उस जानकारी को बाद में प्राप्त कर सकें। यदि आप कंप्यूटर में जानकारी सेव्ह नहीं करते हैं, तो आप इसे बाद में नहीं प्राप्त कर सकेंगे।

आपको यह पता होना चाहिए की कंप्यूटर में यह सेव्ह की हुई जानकारी कहां और कैसे सेव्ह होती है। कंप्यूटर की महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक इसकी स्टोरेज क्षमता अर्थात जानकारी सहेजना है।

कंप्यूटर में जानकारी दो तरीकों से संग्रहीत की जाती है। Computer Storage Devices types :

1) प्रायमरी स्टोरेज (Primary Storage)

2) सेकंडरी स्टोरेज (Secondary Storage)

Computer Storage Devices
Computer Storage Devices

1) प्रायमरी स्टोरेज (Primary Storage)

प्राथमिक स्टोरेज अस्थायी Volatile स्वरूप का होता है। इसलिए प्राथमिक स्टोरेज में जमा की गई जानकारी थोड़ी देर के लिए ही उपलब्ध होती है। प्राथमिक स्टोरेज को Main memory या Temporary memory भी कहा जाता है।

प्रायमरी मेमरी दो प्रकार की होती है।

  1. रॅम RAM
  2. रॉम ROM

रॅम RAM :

ram
Random Access Memory

प्राथमिक स्टोरेज का उदाहरण रैम RAM है। रैम का पूरा नाम Random Access Memory होता है। रैम चिप्स सिस्टिम युनिट के अंदर स्थापित होती हैं।

रॅम में संग्रहीत जानकारी अस्थायी रूप से जमा होती है। यानि रैम RAM एक volatile मेमरी होती है। उदाहरण के लिए, जब कंप्यूटर पर काम करते समय कंप्यूटर बंद हो जाता है, तो आप कंप्यूटर को फिर से शुरू करने के बाद आपके द्वारा टाइप किया गया डेटा उपलब्ध नहीं हो पाता है। क्योंकि उस डेटा को रैम में संग्रहित किया जाता है। अगर कंप्यूटर बंद हो जाता है तो वह डेटा नष्ट हो जाता है। क्योंकि रैम अस्थायी volatile रूप से जानकारी संग्रहीत करता है। इसलिए, आपके कंप्यूटर पर काम करते समय, आपके डेटा को समय-समय पर सहेजा जाना चाहिए।

रॅम RAM का उपयोग विभिन्न एप्लिकेशन्स, प्रोग्राम्स या ऑपरेटिंग सिस्टम को रन करने के लिए किया जाता है। यदि आप कंप्यूटर पर किसी प्रोग्राम या एप्लिकेशन को ओपन करते है तो, वह रॅम RAM मेमरी में ही ओपन होता है।

रॅम RAM के प्रकार निम्नलिखित है।

1 SRAM (Static Random Access Memory)

2 DRAM (Dynamic Random Access Memory)

रॉम ROM :

रॉम ROM का पूरा नाम रीड ओन्ली मेमरी Read Only Memory होता है। रॉम ROM में स्टोर किया हुआ डाटा या इंफोर्मेशन को केवल हम पढ़ सकते है। इसमें कुछ लिख या बदलाव नहीं कर सकते है। रॉम ROM का उपयोग स्थायी प्रोग्राम्स को स्टोर करने के लिए किया जाता है। रॉम ROM में सिस्टिम बूटिंग प्रोग्राम एवं bios प्रोग्राम को स्टोर किया जाता है।

रॉम ROM के प्रकार निम्नलिखित है।

1 PROM (Programmable Read Only Memory)

2 EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory)

3 EEPROM (Electrically Erasable Programmable Read Only Memory)

2) सेकंडरी स्टोरेज (Secondary Storage) :

सेकंडरी स्टोरेज स्थायी Non-volatile होता है। इसका मतलब है कि सेकंडरी स्टोरेज में जमा की गई जानकारी नष्ट नहीं होती है। सेकंडरी स्टोरेज डिवाइस में डाटा या प्रोग्राम्स स्थायी रूप से संग्रहित होते है।

सेकंडरी स्टोरेज में स्टोर किए हुए डाटा को आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है।टेप

सेकंडरी स्टोरेज के दो उदाहरण इस प्रकार हैं:

1 Sequential Access Memory

2 Direct Access Memory

1 Sequential Access Memory

सिक्वेंशियल एक्सेस मेमरी Sequential Access Memory में स्टोर डाटा एवं इन्फोर्मेशन को उसी क्रम में निकाला access किया जा सकता है, जिस क्रम में वह स्टोर किया गया हो।

सिक्वेंशियल एक्सेस मेमरी Sequential Access Memory का उदाहरण, मैग्नेटिक टेप Magnetic Tape 📼 है।

2 Direct Access Memory

डायरेक्टर एक्सेस मेमरी में स्टोर डाटा को हम जिस क्रम में चाहे उस क्रम में एक्सेस कर सकते है। जैसे हार्ड डिस्क, पेन ड्राईव्ह, सी डी, डी व्ही डी इत्यादि। इन सभी उपकरणों में स्टोर डाटा को हम जिस क्रम में चाहे उस क्रम में एक्सेस कर सकते है। इस प्रकार की मेमरी को हम डायरेक्टर एक्सेस मेमरी Direct Access Memory कहते है।

डायरेक्टर एक्सेस मेमरी Direct Access Memory के प्रकार निम्नलिखित है।

1 मैग्नेटिक डिस्क Magnetic Disk

2 ऑप्टिकल डिस्क Optical Disk

3 इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज डिवाइस Electronic Storage Device

1 मैग्नेटिक डिस्क Magnetic Disk

मैग्नेटिक डिस्क में कई गोलाकार प्लॉटर्स लगे हुए होते है। जो किसी सी डी की तहत दिखाई देते है। हर एक प्लॉटर्स ट्रैक एवं सेक्टर्स में विभाजित होते है।

मैग्नेटिक डिस्क Magnetic Disk दो प्रकार की होती है।

1. हार्ड डिस्क (Hard Disk) : 💽
Hard Disk

हार्ड डिस्क सेकंडरी स्टोरेज का एक उदाहरण है। इसका अर्थ है कि हार्ड डिस्क में संग्रहीत जानकारी स्थायी स्वरूप की होती है। कंप्यूटर पर काम करते समय, आपके द्वारा सहेजा गया डेटा हार्ड डिस्क पर सहेजा जाता है। हार्ड डिस्क कंप्यूटर की प्रमुख स्टोरेज डिवाइस होती है।

2. फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) : 💾

फ्लॉपी डिस्क एक गोलाकार प्लास्टिक की बनी हुई लचीली डिस्क होती है। फ्लॉपी डिस्क एक वर्गाकार प्लास्टिक के कवर में होती है। इसकी स्टोरेज क्षमता बहुत ही कम होती है।

2. ऑप्टिकल डिस्क (Optical Disk) 💿

ऑप्टिकल डिस्क भी सेकंडरी स्टोरेज का एक उदाहरण है। ऑप्टिकल डिस्कमें डाटा को स्टोर करने के लिए लेजर बीम तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।

Optical Disk
Optical Disk

सबसे अधिक इस्तेमाल किए जानेवाले ऑप्टिकल डिस्क निम्नलिखित हैं।

1. सी.डी. (CD) 2. डी.व्ही.डी. (DVD) 3. ब्लू रे डिस्क (Blu Rey)

ऑप्टिकल डिस्क के तीन मूल स्वरूप निम्नलिखित हैं:

1) सी. डी. रॉम CD- ROM (रिड ओन्ली मेमरी) :-

सी. डी. रॉम CD- ROM का पूरा नाम (कॉम्पॅक्ट डिस्क रिड ओन्ली मेमरी – Compact Disk Read Only Memory) है। इस प्रकार की सी. डी. में दी गई जानकारी केवल पढने के लिए होती है। यानि आप इसे बदल नहीं सकते। उदाहरण के लिए, आपको बाजार में फिल्में, गानो, की सीडीज् मिलती हैं। जिसमें दिया गया डेटा आप केवल चला सकते हैं। आप इसे बदल नहीं सकते। ऐसी सीडी ज् को CD-ROM (सी. डी. रिड ओन्ली मेमरी) कहते है।

2) राइट वन्स CD-R (सी. डी. रेकॉर्डेबल) :-

सी. डी. आर का पूरा नाम (सी. डी. रेकॉर्डेबल – Compact Disk Recordable) है। आपको दुकान से ब्लॅन्क यानि खाली सीडी मिलती है। जिसमें आप एक बार जानकारी रिकॉर्ड कर सकते हैं। इस प्रकार की सी.डी.ज् को सी.डी.-आर (रेकॉर्डेबल) कहा जाता है। इस सी.डी. में जानकारी रेकॉर्ड करने के बाद, आप इसे बदल नहीं सकते।

3) सी.डी. आर डब्ल्यू CD RW (सी. डी. रिरायटेबल) :-

सी.डी. आर डब्ल्यू का पूरा नाम (सी. डी. रिरायटेबल Compact Disk Rewritable) है। सी. डी. रिरायटेबल भी ब्लैंक सी.डी. होती हैं। लेकिन हम इसमें बार-बार जानकारी रिकॉर्ड कर सकते हैं। इसलिए, ऐसी सी.डी. को सी.डी. आरडब्ल्यू (सी. डी. रिरायटेबल) कहा जाता है।

3. इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज डिवाइस Electronic Storage Device

इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज डिवाइस Electronic Storage Device दो प्रकार के होते है।

1 फ्लैश मेमरी Flash Memory :

पेन ड्राईव्ह (Pen Drive) :

Pen Drive

पेन ड्राइव को फ्लैश मेमरी भी कहा जाता है। पेन ड्राइव भी सेकंडरी स्टोरेज का एक उदाहरण है। पेन ड्राइव को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर पर डेटा ले जाने के लिए उपयोग किया जाता है।

2 मेमरी कार्ड Memory Card (Chip) : 💾

मेमरी कार्ड यानि चिप का उपयोग मोबाइल फोन में मेमरी को बढ़ाने के लिए किया जाता है। मेमरी कार्ड यह सेकंडरी स्टोरेज का उदाहरण है।

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